श्रीमान जी ने ज्यादा पी ली,
चाल हो गई नशीली।
देह को जैसे-तैसे उठाया
तो सबसे पहले काया
एक खम्बे से टकराई,
बोले --
माफ करना भाई!
फिर आया सार्वजनिक संडास,
टकराकर बोला --
माफ करना बॉस !
कदम फिर लड़खड़ाये,
तो लैटरबॉक्स से
जा टकराये।
आखिरी कोशिश में
पेड़ से भिड़े,
और वहीं गिर पड़े।
बोले-
अब रिस्क नहीं लूंगा,
ये भीड़ गुजर जाये तभी उठूंगा।
3 comments:
thodi thodi piya kro...
भाई वाह ! मस्त.
Wah Wah
Post a Comment