दृश्य: अजीत अपने एक दुश्मन को देख लेता है।
अजीत : माइकल, वो जो आदमी घड़ी पहने हुये तुम्हें नजर आ रहा है, वो हमारा मेहमान है। तुम जाकर उसके हाथ में भी घड़ी पहना दो.. फिर वो दो घड़ी का मेहमान हो जायेगा !
दृश्य : अजीत हैलीकॉप्टर में अपने आदमियों के साथ भाग रहा है...
अजीत : कुछ ही देर में हमारा हैलीकॉप्टर हिंदुस्तान की सरहदों के पार दूर बर्मिंघम में होगा। वहां तुम्हें एक काले रंग की शेवरले (कार) नजर आयेगी। वो तुम्हें सिगनल देगी ...ऑन..ऑफ..ऑन..ऑफ।
राबर्ट : बॉस..हमारा सिगनल क्या होगा?
अजीत : बेवकूफ...ऑफ..ऑन..ऑफ..ऑन...
राबर्ट : बॉस? और इस पिल्ले का क्या करें बॉस?
अजीत : पीटर! इस साले को सुपर-कंडक्टर में डाल दो, साला बस में टिकट देते देते थक जायेगा।
पीटर: बॉस, इस साले का क्या करें?
अजीत : इसे माइक्रोप्रोसेसर में डाल दो...BIT by BIT मरेगा !
दृश्य : अजीत अपने चेलों को दुश्मन को मारने का हुक्म दे रहा है।
अजीत : राबर्ट , इसे वार्निश में डाल दो, साला मर भी जायेगा और फिनिश भी आ जायेगी।
बॉब : बॉस, मिशन पर कैसे जाउं, मुझे हैडेक (सिर दर्द) हो रहा है.
अजीत : अबे हैड एक हो या दो, काम तो करना ही पड़ेगा!
दृश्य : राबर्ट और अजीत एक नाव पर सवार हैं। बॉस अचानक नाव में एक छेद कर देता है और नाव में पानी भरने लगता है। राबर्ट को कुछ समझ में नहीं आता है।
राबर्ट : बॉस अब क्या होगा ??
अजीत: राबर्ट एक और छेद बना दो, और एक छेद में इन और दूसरे में आऊट लिख दो। एक छेद से पानी अन्दर आयेगा और दूसरे से बाहर निकल जायेगा!!
दृश्य : राबर्ट के घर मे जुड़वां बच्चे हुये हैं और वो ये खबर अजीत को देता है।
राबर्ट : बॉस, मेरे दोनों बच्चों के लिये कोई नाम बताइये..
अजीत : एक का नाम रख दो पीटर....
राबर्ट : बास और दूसरे का?
अजीत : रिपीटर
दृश्य: माइकल के घर तीन बच्चे जन्म लेते हैं और वो ये खबर अजीत को देता है।
माइकल : बॉस, मेरे तीन बच्चों के क्या नाम सोचे हैं आपने?
अजीत : नाम रखो, पीटर, रिपीटर और वांग चुंग।
माइकल : तीसरे का नाम वांग चुंग क्यों बॉस???!!!
अजीत : बेवकूफ, तुम्हें मालूम नहीं...इस पृथ्वी में पैदा होने वाला हर तीसरा बच्चा चीनी होता है।
दृश्य: अजीत अपने पसंदीदा हीरो के हाथ पकड़ कर अपने चेलों को निर्देश देता है।
अजीत : माइकल, इस साले के एक हाथ में लाल और दूसरे हाथ में हरा रंग लगा दो।
माइकल : लेकिन क्यों बॉस?
अजीत : बेवकूफ, इतना भी नहीं जानता? जब जनता यहां आयेगी तो इसे रंगे हाथों पकड़ लेगी। हे.. हे..
दृश्य : राबर्ट और अजीत शिकार पर जाते हैं।
राबर्ट एक मोर देखता है...
राबर्ट : बास....मोर.. मोर...
अजीत मोर का शिकार करके कहता है, नो मोर!
राबर्ट : बास इस गद्दार का क्या करें?
अजीत :इसे सुई चुभा-चुभा कर मार दो... पुलिस समझेगी कि सुईसाइड (आत्महत्या) हई है।
पीटर : बास ये आदमी तो कुछ बोल नहीं रहा...
अजीत : इसे रिवाल्विंग कुरसी पर बैठा दो, पता तो लगे चक्कर क्या है।
3 comments:
good but dil mage mor
good but dil mage mor
नेता जी कि याद अच्छा लगा
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